तीन आदिवासी संगठन जम्पुई-मिज़ो विवाद के बारे में मुखर है

स्टाफ रिपोर्टर, अगरतला, 21 अगस्त। टीपीएफ, टीयूआईपीसी और टीआईपीआरए की संयुक्त पहल पर शुक्रवार को अगरतला प्रेस क्लब में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया गया। मिजोरम सरकार ने राज्य के भीतर उत्तरी त्रिपुरा के जम्पुईहिल आरडी ब्लॉक के तहत फुलडुंगसई और सबोवाल क्षेत्रों में फुलडुंगसाई एडीसी गांव का चयन किया है और उनके अनुसार उनका प्रबंधन कर रही है।

उस ग्राम समिति के 130 मतदाता राज्य के निवासी हैं। रिआंग, मिजो है। लेकिन चुनी हुई मिज़ोरम सरकार उस गाँव को चला रही है। मुख्य सचिव को एक पत्र में इस मामले की सूचना दी जा चुकी है। 8 अगस्त को उप-विभागीय राज्यपाल ने एक पत्र लिखकर जिला राज्यपाल को इस मामले की जानकारी दी। त्रिपुरा राज्य की जनजातियों की मिट्टी। इस घटना के सामने आने के बाद तीन संगठनों ने कड़ा विरोध किया। मिजोरम सरकार ने सवाल किया कि चुनाव गुप्त तरीके से कैसे हुआ।

साथ ही यह मांग की गई कि राज्य सरकार तत्काल कानूनी कार्रवाई करे। उन्होंने मिजोरम के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मामले की जांच की मांग की। फुलडुंगसई क्षेत्र में टीएसआर चौकी स्थापित करने की भी मांग की गई। उन्होंने क्षेत्र की स्थिति को ध्यान में रखते हुए इस आउट पोस्ट को स्थापित करने की मांग की। आवश्यकता पड़ने पर केंद्रीय गृह मंत्रालय के हस्तक्षेप की मांग की।

बड़े समुदाय के पुनर्वास के लिए 6 महीने का समय दिया गया था।लेकिन कोविद 19 के लिए थोड़ा देर से है। जिन्हें उसके बाद वोटर कार्ड नहीं मिले। तीनों संगठनों ने वोटर कार्ड जारी करने की मांग की। टीयूआईपीसी की ओर से रंजीत देववर्मा ने भी पुनर्वास कार्य शुरू करने के लिए कदम उठाए जाने की मांग की।

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