आदित्यनाथ ने पिछले दिनों काशी दौरे के दौरान साधु-संतों व धर्मगुरूओं पर हमले व दुर्व्यवहार की घटनाओं को गंभीरता से लेने का स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिया। उन्होंने ऐसी घटनाओं का संज्ञान मिलते ही आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने का भी प्रशासन को आदेश दिया है। मुख्यमंत्री के इस निर्देश से प्रदेश का संत समाज व सभी धर्मों के गुरू स्वागत करा रहे हैं।
उनका कहना है कि महाराष्ट्र समेत दूसरे राज्यों में साधुओं, पुजारियों की हत्या अथवा उन पर हमला की लगातार घटनाओं के मद्देनजर मुख्यमंत्री की संत समाज के प्रति चिंता अतुलनीय है। किसी भी राज्य में ऐसी घटनाओं के घटित होने के बाद भी प्रशासन को इतने कड़े शब्दों में निर्देशित नहीं किया गया। मुख्यमंत्री योगी ने जिस प्रकार सभी धर्मों के प्रति अपना आदर भाव व धर्मगुरूओं व संत समाज के प्रति अपनी चिंता व्यक्त की है, यह स्वागत योग्य है। श्री काशी अन्नपूर्णा मठ मंदिर के महंत रामेश्वरपुरी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी स्वयं संत हैं। संत ही संतों की पीड़ा समझ सकता है। सभी धर्मों के संतों व धर्मगुरूओं के प्रति उनकी चिंता सराहनीय है।
अन्य किसी राज्य में भी यदि संत के हाथ सत्ता की बागडोर होती तो वह हमारी पीड़ा समझ पाता। हम उन्हें इसके लिए साधुवाद देते हैं। मुफ्ती-ए-बनारस अब्दुल बातिन ने कहा कि साधु-संतों, धर्मगुरूओं के जान-माल की हिफाजत शासन-प्रशासन की पहली जिम्मेदारी है जिसमें कोई कोताही न बरती जाये। हम धर्मगुरूओं के प्रति उनके आदर भाव व चिंता का तहेदिल से स्वागत करते हैं। वाराणसी धर्म प्रांत के बिशप फादर यूजीन ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा साधु-संतों व धर्मगुरूओं की सुरक्षा की बाबत दिया गया आदेश सराहनीय है ।
गुरुबाग स्थित गुरुद्वारा के मुख्यग्रंथि सुखदेव सिंह कहा की सद्भावना का प्रचार करने में धर्मगुरुओं की अहम भूमिका चली आई है, लेक़िन कभी–कभी कतिपय लोग इन पर हमला या इनसे दुर्व्यवहार कर अपमानित करने का काम करते हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल सराहनीय है। एसपी सिटी वाराणसी श्री विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया की धर्मगुरूओं की सुरक्षा और उनकी भावनाओं का आदर अहम है, यदि कोई भी सूचना मिलती है तो कठोरतम कार्यवाही की जायेगी ।