कोरोना मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है, अगले 30 दिन बेहद चुनौती भरे हैं

ऑनलाइन डेस्क, 26 मई।। देश में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए लोगों की संख्या मंगलवार को डेढ़ लाख के पार पहुंच गयी। इस तरह रिकॉर्ड संख्या में मामले सामने आने के साथ ही भारत संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित दस देशों की सूची में शामिल हो गया है। वहीं, बड़ी संख्या में प्रवासी लोगों के अपने-अपने राज्य लौटने से बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, असम व ओड़िशा में कोरोना मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। अगले 30 दिन बेहद चुनौती भरे हैं। ओड़िशा सरकार ने तो महामारी को नियंत्रित करने के लिए नयी रणनीति बनाने की मांग की है। इस बीच झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश में पिछले कई दिनों से बढ़ते मामलों के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन राज्यों के मुख्य सचिवों, स्वास्थ्य सचिवों व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशकों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने इन राज्यों को पिछले तीन हफ्ते में निषिद्ध क्षेत्र में आये रुझान का आकलन करने और प्रभावी नियंत्रण रणनीति अपनाने का सुझाव दिया है। साथ ही पृथक वॉर्ड, आइसीयू ,वेंटिलेटर व ऑक्सीजन बेड आदि के साथ स्वास्थ्य ढांचे पर मजबूती के साथ ध्यान देने को कहा है। दरअसल, लॉकडाउन में ढील से पिछले तीन सप्ताह में इन राज्यों में कोरोना मामलों में वृद्धि देखने को मिली है। कुछ विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि बाहर से लौट रहे लोग जिन क्षेत्रों में जा रहे हैं, वहां सघन निगरानी हो। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इलाज के बाद कोरोना से मुक्त होनेवाले लोगों की दर देश में दुनिया के मुकाबले बेहतर है। पिछले 24 घंटे में कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित महाराष्ट्र व गुजरात में भी बड़ी संख्या में नये केस सामने आये हैं। इस दौरान 160 लोगों ने दम तोड़ दिया, जिसमें अकेले महाराष्ट्र से 97 मरीज हैं। यह एक दिन में मृतकों की सबसे बड़ी संख्या है। दूसरी तरफ कई आर्थिक विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि प्रवासी श्रमिकों के अपने घर लौटने से श्रम शक्ति की कमी उत्पन्न होगी। इससे अर्थव्यवस्था और प्रभावित होगी। इससे पहले राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने सोमवार सुबह महाराष्ट्र के राज्यपाल बी एस कोश्यारी से यहां राज भवन में मुलाकात की थी। राकांपा ने दावा किया था कि राज्यपाल के आमंत्रण पर यह मुलाकात हुई है और इसमें किसी राजनीतिक मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई।
हालांकि बैठक का समय महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यह महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार का नेतृत्व कर रही शिवसेना और राज भवन के बीच पिछले दिनों सामने आए गतिरोध की पृष्ठभूमि में हुई है। राकांपा सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल है।पवार महाराष्ट्र के उन प्रमुख नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने राज्य प्रशासन के कामकाज में ‘हस्तक्षेप’ को लेकर कोश्यारी की खुलकर आलोचना की थी।

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